दोस्तों पलाश का पेड़ आम तौर पर भारत में सुंदर फूलों वाले वृक्ष में से एक माना जाता है। इसे ढाक का पेड़, परसा का पेड़, पलास का पेड़ इत्यादि के नाम से जाना जाता है। इसके फूलों के द्वारा होली के रंग भी तैयार की जाते हैं। यहां तक ही नहीं, बल्कि हमारे महानतम ऋग्वेद में भी पलाश के पेड़ के बारे में अनेकों वर्णन किए गए हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पलाश का पेड़ कैसा होता है? यदि आप नहीं जानते और जानना चाहते हैं कि पलाश का पेड़ कैसा होता है? तो आज के लेख में हमारे साथ अंत तक बने रहिएगा क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि पलाश का पेड़ कैसा होता है।
पलाश वृक्ष कैसा होता है? | palash ka ped kaisa hota hai
पलाश का वृक्ष एक महत्वपूर्ण वृक्ष के तौर पर जाना जाता है, और हिंदू धर्म में यह एक प्रमुख वृक्ष की महत्वता रखता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पलाश के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का निवास होता है। इस वृक्ष का उपयोग ग्रहों की शांति के लिए भी किया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों के दोष के निवारण हेतु पलाश का वृक्ष एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
हिंदू धर्म में इसका धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में भी पलाश के वृक्ष से बनाई जाने वाली दवाइयों के विभिन्न प्रकार के विधियां दी गई है। यह पलाश का पेड़ आम तौर पर मध्यम आकार का यानी कि 12 से 15 मीटर लंबा होता है, और इसका तना बिल्कुल सीधा और खुरदरा होता है। इसके पल्लव धूसर या भूरे रंग के होते हैं यह बहुत धीरे-धीरे बड़ा होता है।
ऐसा भी देखा गया है कि यह 1 वर्ष में 1 फुट तक बढ़ जाता है, और जब यह बीच पूरी तरह से बड़ा हो जाता है तो वह अपने सारे पत्ते गिरा देता है, और केवल इसके पुष्प ही इसके ऊपर बने रहते हैं। इसे आपने अपने आसपास जरूर देखा होगा कि एक ऐसा पेड़ जिस पर केवल पुष्प है, और पत्तियां नहीं है पलाश का पेड़ आम तौर पर भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, थाईलैंड, कंबोडिया, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया इन सब में बहुतायत में देखा जा सकता है।
पलाश का पेड़ भारत के मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र इन सभी क्षेत्रों में अधिक से अधिक पाया जाता है।
पलाश का साहित्यिक उल्लेख | palash tree information in hindi
संस्कृत साहित्य के अंतर्गत पलाश के वृक्ष के सुंदर रूप का वर्णन कई बार किया जाता है। यह श्रृंगार रस के साथ प्रचुरता से इस्तेमाल किया जाता है। महाकवि कालिदास भी अपनी संस्कृत के साहित्य में पलाश के वृक्ष का उल्लेख करते हैं और लिखते हैं कि-
“वसंत काल में पवन के झोंके से हिलती हुई पलाश की शाखाएं वन की ज्वाला के समान लग रही थी और इनसे ढकी हुई धरती ऐसा लग रही थी मानो लाल साड़ी में सजी हुई कोई नववधू है। ”
भारतीय इतिहास में पुराणों के अंतर्गत यह कहा जाता है कि भगवान शिव और पार्वती के एकांत को भंग करने के कारण अग्निदेव को श्राप से ग्रस्त होकर पृथ्वी पर पलाश के वृक्ष के रूप में जन्म लेना पड़ा था।
पलाश का पौधा घर में लगाने से क्या होता है?
माना जाता है कि पलाश के फूलों पर लक्ष्मी जी की कृपा होती है इसलिए इसे घर में लगाने से समृद्धि आती है। पलाश के फूल घर में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वहीं शुक्रवार के दिन इन फूलों का बड़ा महत्व होता है। आपको शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को पलाश के फूल अर्पित करने चाहिए।
पलाश के पत्ते कैसे होते हैं?
पलाश एक टेढ़ा, 12-15 मीटर ऊँचा, मध्यम आकार का पर्णपाती वृक्ष होता है। इसकी पत्तियाँ बड़ी, त्रिपत्ती (बीच की पत्ती बड़ी तथा दोनों किनारे की पत्तियाँ छोटी होती हैं) तथा स्पष्ट शिरायुक्त होती हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग दोना और पत्तल बनाने में किया जाता है।
पलाश का नाम और अर्थ
पलाश को अलग-अलग भाषाओं में अलग अलग नाम से जाना जाता है। इसे आम भाषा में टेसू और केसु के नाम से जाना जाता है। उड़िया भाषा में इसे पोरासू के नाम से भी जाना जाता है, और मलयालम में इसे मुरक्कच्यूम के नाम से जाना जाता है। तेलुगु भाषा में इसे मोदूगू के नाम से जाना जाता है। मणिपुर में से पांगोंग के नाम से, मराठी में पलस के नाम से, और संस्कृत में इसे किंशुक के नाम से जाना जाता है।
उत्तर प्रदेश का राज्य पुष्प
पलाश का पेड़ अपनी महत्वता भारतीय समाज में जरूर रखता है। लेकिन उत्तर प्रदेश ने एक कदम आगे बढ़कर इस के पुष्प को अपना राज्य पुष्प घोषित किया है। साथ ही साथ भारतीय डाकघर विभाग द्वारा डाक टिकट पर प्रकाशित करके इसका सम्मान किया गया है।
भारतीय साहित्य और संस्कृति से गहरा संबंध रखने वाला पलाश का पेड़ चिकित्सा और स्वास्थ्य से भी अपना गहरा संबंध रखता है। यह बसंत ऋतु में खिलना शुरू करता है और मध्य गर्मी तक खिलता रहता है। जब गर्मी जाने लगती है तब इसके पुष्प भी टूट कर बिखरने लगते हैं। जब पलाश के पेड़ से पुष्प नीचे गिर जाते हैं तो यह एक सूखा ठूंठ लगता है।
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया पलाश का पेड़ कैसा होता है? (palash ka paudha kaisa hota hai) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।