March 28, 2024
vyanjan kitne prakar ke hote hain

व्यंजन किसे कहते हैं और व्यंजन के भेद कितने होते हैं?

नमस्कार दोस्तो, यदि आप हिंदी विषय के अंतर्गत रुचि रखते हैं या फिर हिंदी ग्रामर के अंतर्गत अपनी रूचि रखते हैं तो आपने व्यंजन के बारे में तो जरूर सुना होगा, जो हिंदी व्याकरण का यह काफी महत्वपूर्ण टॉपिक होता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि व्यंजन किसे कहते हैं, व्यंजन के कितने प्रकार होते हैं, यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

हम आपको इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं कि व्यंजन किसे कहते हैं इसके कितने भेद है? (vyanjan varn ke kitne bhed hote hain), इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।

व्यंजन की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए | vyanjan ki paribhasha aur bhed likhiye

जिन वर्णों को बोलने के लिए या फिर जिन वर्णों के उच्चारण के लिए सबर की सहायता लेनी पड़ती है, उनको व्यंजन कहा जाता है। जब भी हम किसी व्यंजन का उच्चारण करते हैं, तो उसके लिए सांस, कंठ, तालु आदि स्थानों से रुक कर हमारी दाने निकलती है।

हिंदी वर्णमाला के अंतर्गत कुल 45 व्यंजन होते हैं।

व्यंजन के उदाहरण

क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़)

च, छ, ज, झ, ञ (ज़)

ट, ठ, ड, ढ, ण, (ड़, ढ़)

त, थ, द, ध, न

प, फ, ब, भ, म (फ़)

य, र, ल, व

श, श़, ष, स, ह

संयुक्त व्यंजन – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र

व्यंजन के प्रकारों का उल्लेख कीजिए

व्यंजन तीन भागों के अंतर्गत बांटा गया है:-

vyanjan ke udaharan
vyanjan ke mukhya roop se kitne bade hote hain
  1. स्पर्श व्यंजन
  2. अन्तःस्थ व्यंजन
  3. उष्म व्यंजन

1. स्पर्श व्यंजन

जिन व्यंजनों के उदाहरण के लिए हमें जीव को मुंह के किसी भी भाग को स्पर्श करना होता है, यानी कि जिन व्यंजनों को बोलते समय हम अपनी जीत को कंठ, तालु, मुद्रा, दांत या होंठ को स्पर्श करते हैं, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहा जाता है।

स्पर्श व्यंजन को कुल पांच भागों के अंतर्गत बांटा गया है:-

  1. क वर्ग :- क ख ग घ ङ ये कण्ठ का स्पर्श करते है।
  2. च वर्ग :- च छ ज झ ञ ये तालु का स्पर्श करते है।
  3. ट वर्ग :- ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़) ये मूर्धा का स्पर्श करते है।
  4. त वर्ग :- त थ द ध न ये दाँतो का स्पर्श करते है।
  5. प वर्ग :- प फ ब भ म ये होठों का स्पर्श करते है।

2. अंतस्थ व्यंजन

जिन व्यंजनों का उच्चारण सावरू और व्यंजनों के बीच स्थित हो, अंतस्थ व्यंजन कहलाते हैं। इनकी कुल संख्या 4 होती है :- जैसे :- य , र , ल , व

3. ऊष्म व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण के लिए या फिर जिन वर्णों के उच्चारण के समय हवा हमारे मुंह के विभिन्न भागों के अंतर्गत टकराती है, उसे उसमें व्यंजन कहा जाता है। उष्म व्यंजन की संख्या भी कुल 4 होती है। जैसे :- श़, ष, स, ह

उच्चारण के अंगों के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण

उच्चारण के अंगों के आधार पर व्यंजनों को कुल 8 भागों के अंतर्गत बांटा गया है, जो निम्न प्रकार से हैं :-

(i). कंठ्य (गले से):- क, ख, ग, घ, ङ

(ii). तालव्य (कठोर तालु से):- च, छ, ज, झ, ञ, य, श

(iii). मूर्धन्य (कठोर तालु के अगले भाग से):- ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष

(iv). दंत्य (दाँतों से):- त, थ, द, ध, न

(v). वर्त्सय (दाँतों के मूल से):- स, ज, र, ल

(vi). ओष्ठय (दोनों होंठों से):- प, फ, ब, भ, म

(vii). दंतौष्ठय (निचले होंठ व ऊपरी दाँतों से):- व, फ

(viii). स्वर यंत्र से:- ह

स्वर और व्यंजन कितने होते हैं?

सरलतम वर्गीकरण में, अंग्रेजी में 26 अक्षर होते हैं। इनमें से 5 स्वर हैं और शेष 21 व्यंजन हैं। 5 स्वरों में ए, ई, आई, ओ और यू शामिल हैं। स्वर ध्वनि मुंह के माध्यम से सांस के मुक्त प्रवाह से उत्पन्न होती है।

निष्कर्ष

तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया, कि व्यंजन की परिभाषा क्या होती है, और इसके उदाहरण क्या क्या है, इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।

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