दोस्तों सिंधु नदी एक महानतम नदी है, जिसकी वजह से ही वर्तमान समय में भारत को हिंदुस्तान के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब फारसियों को सिंधु शब्द उच्चारण करने में दिक्कत होती थी तो वह सिंधु को हिंदू कह कर पुकारते थे, और तभी से ही भारत का नाम हिंदुस्तान भी पड़ गया।
लेकिन वर्तमान समय में लोग सिंधु नदी के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें इसके बारे में बताया ही नहीं जाता। यदि आप भी सिंधु नदी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि sindhu nadi ki lambai aur chaudai, तो आज के लेख में हमारे साथ अंतर तक बने रहिएगा। क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि sindhu nadi ki lambai bharat mein kitni hai.।
तो चलिए शुरू करते हैं:-
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भारत में सिंधु नदी की लम्बाई कितनी है? | Sindhu nadi ki lambai kitni hai
दोस्तों सिंधु नदी मध्य एशिया की एक ट्रांस हिमालय नदी है, और इसकी लंबाई 3120 किलोमीटर यानी कि 1240 मील की है। यह नदी पश्चिम तिब्बत में कैलाश पर्वत के उत्तर पूर्व में पहाड़ी क्षेत्रों से होकर निकलती है और कश्मीर के विवादित क्षेत्र से होकर उत्तर पश्चिम की ओर बहती है, और सिंधु नदी का अधिकतम हिस्सा पाकिस्तान की ओर से देखा जाता है। साथ ही साथ इस नदी का कुल जल निकासी क्षेत्र लगभग 1120000 स्क्वायर किलोमीटर है, और इसे पाकिस्तान की रोटी की टोकरी भी कहा जाता है।
सिंधु नदी का मार्ग
यदि हम आपको सिंधु नदी के बाढ़ के बारे में बताएं तो यह नदी पश्चिम तिब्बत में कैलाश पर्वत के उत्तर पूर्व से होकर निकलती है, और कश्मीरी क्षेत्र में उत्तर पश्चिम दिशा में बहती है। नंगापरवत पुण्य के बाद यह तेजी से बाई ओर मुड़ जाती है, तथा पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर बहती है। सिंघु नदी कराची बंदरगाह से होते हुए अरब सागर में मिल जाती है।
दुनिया की 50 बड़ी नदियों में सिंधु नदी का नाम शामिल है। यह लद्दाख में सहायक नदी जांस्कर के साथ अपना भारत बनाती है, और झेलम नदी रावीऔर व्यास के क्रमिक संगम से बनती है। इस नदी के दाहिने भाग की ओर से शोक नदी, गिलगित नदी, काबुल, कुर्रम, और गोमल नदिया शामिल है।
यह पहाड़ी नदियों से शुरू होकर हिमालय, काराकोरम, और हिंदुकुश पर्वतमाला उसे यह शहरों के साथ होते हुए अनेकों नदियों को पोषित करती है। तथा समशीतोष्ण जंगलों में और ग्रामीण इलाकों में पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करती है।
सिंधु शब्द की व्युत्पत्ति
प्राचीन संस्कृत भाषा के अंतर्गत सिंधु नदी को एक महान नदी के तौर पर दर्जा दिया गया है। फारसी उन्हें सिंधु को हिंदू के रूप में जाना तथा इन दोनों सिविलाइजेशन के अंतर्गत इसे सीमा नदी के तौर पर देखा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि फारसी साम्राज्य से ही उन्होंने इस नदी को इंडोस नाम दिया था, और सिंधी भाषा में सिंधु नदी को नेहरान के नाम से भी जाना जाता है।
लद्दाखी और तिब्बती क्षेत्र में इसे सेंगे त्संगपो के नाम से जाना जाता है। अस्तूर में इसे नीलाभ और शेर दरिया कहा जाता है, और सिंधी में आमतौर पर इसे समुंदर के नाम से भी जाना जाता है।
सिंधु नदी की महानता
सिंधु नदी प्राचीन समय से ही अपने आसपास के सभी सेक्टरों में लोगों को व्यापार तथा भोजन देने का काम करती है। इसके कारण ही इसके आसपास इलाकों में खेती संभव हो पाती है। वर्तमान समय में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इसे रोटी की टोकरी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि पाकिस्तान देश का अधिकतम कृषि उत्पादन सिंध क्षेत्र में किया जाता है।
पंजाब शब्द का मूल अर्थ पांच नदियों की भूमि है, जिसे झेलम, चेनाब, रावी, व्यास और सतलज के नाम से जाना जाता है। और यह पांचों नदिया सिंधु नदी में बहती है। सिंधु नदी के वजह से ही वर्तमान समय में पाकिस्तान की अधिकतम पीने योग्य पानी की जरूरत पूरी होती है।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया भारत में सिंधु नदी की लम्बाई कितनी है? | sindhu nadi ki lambai kitne kilometre hai के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।